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677f6f575b0812afe90ff105BEETROOT PAHUJA DYNASTYBEETROOT PAHUJA DYNASTYयह एक हाईब्रिड एवं प्रीमियम गुणवत्ता वाला बीज है। तकनीकी निर्देश: बुवाई का समय: मार्च-अप्रैल, जून-सितंबर पहली फसल: बुवाई के 120 दिन के बाद प्रति एकड़ बीज की मात्रा : 5 -6 किलोग्राम पंक्तियों / लकीरों के बीच बुवाई की दूरी: 30 सेमी पौधों के बीच बुवाई की दूरी: 15 -20 सेमी बुवाई की गहराई: 2.5सेमी विशेषता: रंग : मैरून आकार : ग्लोब के आकार का चुकंदर वजन : 120 -140 ग्राम ज्यादा उत्पादन के लिए यह प्रजाति मशहूर है । इस नस्ल के चुकंदर का गुदा खून की तरह लाल रंग का होता है । इस किस्म की प्रति हेक्टेयर औसतन उपज 150 से 300 क्विंटल होती है। इस नस्ल की खेती से किसानो को अधिक आय की प्राप्ति होती है। खेत की तैयारी कैसे करें : - सबसे पहले खेतों की अच्छे से 3 -4 बार जुताई करें और ध्यान रखें की जुताई के समय खेत समतल हो । - बीज की बुवाई करते समय क्यारियों की दूरी 30 से 40 सेमी. रखें तथा पौधों की दूरी 15 से 20 सेमी. हो । - बुवाई करने से पहले बीजों को 12 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें ऐसा करने से पौधों की उत्पादकता बढ़ जाती है । - बीज की बुवाई के बाद खेतो की हल्की सिंचाई करें । - सिचाई के समय फसलों में पानी ऊपर से न डालें। उर्वरक का सुझाव : - खेतों में मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने की लिए प्रति हेक्टर 60 से 70 किलोग्राम नाइट्रोजन तथा 100 से 120 किलोग्राम पोटाश का इस्तेमाल करें। - इसके साथ ही फसल की बुवाई से पहले खेतों में 10 से 15 टन गोबर का खाद डालें जिससे फसलों की उत्पादकता बढ़ जाएगी। -- जरूरत पड़ने पर फसलों में बोरिक एसिड का भी छिड़काव करें। कीट और उनका नियंत्रण: - फसलों में वेबवर्म के संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए डाइमेथोएट 30 ईसी का 200 मि.ली. /एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। - यदि फसलों पर घुन का प्रकोप दिखे तो इससे छुटकारा पाने के लिए मिथाइल पैराथियान (2%) 2.5 किग्रा/एकड़ का छिड़काव करें । - यदि एफिड्स और जैसिड जैसे कीटों के हमला से छुटकारा पाने के लिए क्लोरपाइरीफोस 20 ईसी 300 मि.ली. /एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें । - अल्टरनेरिया और सर्कोस्पोरा जैसे बिमारियों से बचाव के लिए 400 ग्राम मैंकोजेब को 100-130 लीटर पानी में मिलाकर पत्तियों पर छिड़काव करें इससे पत्तियों में होने वाले धब्बों से छुटकारा मिलेगा । 1984
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PAHUJA SEED
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यह एक हाईब्रिड एवं प्रीमियम गुणवत्ता वाला बीज है। तकनीकी निर्देश: बुवाई का समय: मार्च-अप्रैल, जून-सितंबर पहली फसल: बुवाई के 120 दिन के बाद प्रति एकड़ बीज की मात्रा : 5 -6 किलोग्राम पंक्तियों / लकीरों के बीच बुवाई की दूरी: 30 सेमी पौधों के बी...

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यह एक हाईब्रिड एवं प्रीमियम गुणवत्ता वाला बीज है। तकनीकी निर्देश: बुवाई का समय: मार्च-अप्रैल, जून-सितंबर पहली फसल: बुवाई के 120 दिन के बाद प्रति एकड़ बीज की मात्रा : 5 -6 किलोग्राम पंक्तियों / लकीरों के बीच बुवाई की दूरी: 30 सेमी पौधों के बीच बुवाई की दूरी: 15 -20 सेमी बुवाई की गहराई: 2.5सेमी विशेषता: रंग : मैरून आकार : ग्लोब के आकार का चुकंदर वजन : 120 -140 ग्राम ज्यादा उत्पादन के लिए यह प्रजाति मशहूर है । इस नस्ल के चुकंदर का गुदा खून की तरह लाल रंग का होता है । इस किस्म की प्रति हेक्टेयर औसतन उपज 150 से 300 क्विंटल होती है। इस नस्ल की खेती से किसानो को अधिक आय की प्राप्ति होती है। खेत की तैयारी कैसे करें : - सबसे पहले खेतों की अच्छे से 3 -4 बार जुताई करें और ध्यान रखें की जुताई के समय खेत समतल हो । - बीज की बुवाई करते समय क्यारियों की दूरी 30 से 40 सेमी. रखें तथा पौधों की दूरी 15 से 20 सेमी. हो । - बुवाई करने से पहले बीजों को 12 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें ऐसा करने से पौधों की उत्पादकता बढ़ जाती है । - बीज की बुवाई के बाद खेतो की हल्की सिंचाई करें । - सिचाई के समय फसलों में पानी ऊपर से न डालें। उर्वरक का सुझाव : - खेतों में मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने की लिए प्रति हेक्टर 60 से 70 किलोग्राम नाइट्रोजन तथा 100 से 120 किलोग्राम पोटाश का इस्तेमाल करें। - इसके साथ ही फसल की बुवाई से पहले खेतों में 10 से 15 टन गोबर का खाद डालें जिससे फसलों की उत्पादकता बढ़ जाएगी। -- जरूरत पड़ने पर फसलों में बोरिक एसिड का भी छिड़काव करें। कीट और उनका नियंत्रण: - फसलों में वेबवर्म के संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए डाइमेथोएट 30 ईसी का 200 मि.ली. /एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। - यदि फसलों पर घुन का प्रकोप दिखे तो इससे छुटकारा पाने के लिए मिथाइल पैराथियान (2%) 2.5 किग्रा/एकड़ का छिड़काव करें । - यदि एफिड्स और जैसिड जैसे कीटों के हमला से छुटकारा पाने के लिए क्लोरपाइरीफोस 20 ईसी 300 मि.ली. /एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें । - अल्टरनेरिया और सर्कोस्पोरा जैसे बिमारियों से बचाव के लिए 400 ग्राम मैंकोजेब को 100-130 लीटर पानी में मिलाकर पत्तियों पर छिड़काव करें इससे पत्तियों में होने वाले धब्बों से छुटकारा मिलेगा ।

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