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677cf0585b0812afe9e668edDHS 8015 HYBRID WATERMELONDHS 8015 HYBRID WATERMELONयह एक हाइब्रिड किस्म का तरबूज का बीज है। इस किस्म के बीज से अधिक उपज प्राप्त होती है। यह किस्म लंबी दूरी के परिवहन के लिए उपयुक्त है। तकनीकी निर्देश: बुवाई का समय: फरवरी-मार्च, नवंबर-दिसंबर मिट्टी: बलुई मिट्टी, बलुई दोमट मिट्टी पहली फसल: बुवाई के 70-75 दिन बाद प्रति एकड़ बीज की मात्रा: 1.5-2 किग्रा पंक्तियों / लकीरों के बीच बुवाई की दूरी: 2-3.5 मी. पौधों के बीच बुवाई की दूरी: 60 सेमी बुवाई की गहराई: 2-3 सेमी विशेषता: आकार: अंडाकार वजन: 3-5 किग्रा छिलके का रंग: नीलापन लिए हुए काला गूदे का रंग: गहरा लाल -इसमें शुगर की मात्रा 12-13% होती है। -इस किस्म के तरबूज जल्दी खराब नहीं होते हैं। खेत की तैयारी कैसे करें : तरबूज की खेती के लिए खेत की गहरी जुताई करें एवं उसके बाद खेत को समतल कर लें। जुताई के समय 15-20 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रयोग करें। उर्वरक का सुझाव : तरबूज की खेती के लिए 25 किलो नाइट्रोजन, 16 किलो फास्फोरस एवं 15 किलो पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें। फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा एवं नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा बुवाई से पहले खेत में प्रयोग करें। बाकी बची हुई नाइट्रोजन को बेलों के आस-पास प्रयोग करें और मिट्टी में अच्छी तरह से मिला दें। रोग एवं कीट नियंत्रण: -माहू एवं थ्रिप्स (Aphid and Thrips): इन कीटों को नियंत्रित करने के लिए 5 ग्राम थियामेथोक्सम को 15 लीटर पानी मिलाकर छिड़काव करें। -फल मक्खी (Fruit fly): इस कीट को नियंत्रित करने के लिए 20 मिली मैलाथियान + 100 ग्राम गुड़ को प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर उपयोग करें। इसे 10 दिनों के अंतराल पर 3 से 4 बार उपयोग करें। -ख़स्ता फफूंदी (Powdery Mildew): इस रोग की रोकथाम के लिए 20 ग्राम घुलनशील सल्फर को प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। -अचानक मुरझाना (Sudden wilt): इस रोग की रोकथाम के लिए 400 ग्राम मैनकोजेब को प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।10493
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यह एक हाइब्रिड किस्म का तरबूज का बीज है। इस किस्म के बीज से अधिक उपज प्राप्त होती है। यह किस्म लंबी दूरी के परिवहन के लिए उपयुक्त है। तकनीकी निर्देश: बुवाई का समय: फरवरी-मार्च, नवंबर-दिसंबर मिट्टी: बलुई मिट्टी, बलुई दोमट मिट्टी पहली फसल: बुव...

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यह एक हाइब्रिड किस्म का तरबूज का बीज है। इस किस्म के बीज से अधिक उपज प्राप्त होती है। यह किस्म लंबी दूरी के परिवहन के लिए उपयुक्त है। तकनीकी निर्देश: बुवाई का समय: फरवरी-मार्च, नवंबर-दिसंबर मिट्टी: बलुई मिट्टी, बलुई दोमट मिट्टी पहली फसल: बुवाई के 70-75 दिन बाद प्रति एकड़ बीज की मात्रा: 1.5-2 किग्रा पंक्तियों / लकीरों के बीच बुवाई की दूरी: 2-3.5 मी. पौधों के बीच बुवाई की दूरी: 60 सेमी बुवाई की गहराई: 2-3 सेमी विशेषता: आकार: अंडाकार वजन: 3-5 किग्रा छिलके का रंग: नीलापन लिए हुए काला गूदे का रंग: गहरा लाल -इसमें शुगर की मात्रा 12-13% होती है। -इस किस्म के तरबूज जल्दी खराब नहीं होते हैं। खेत की तैयारी कैसे करें : तरबूज की खेती के लिए खेत की गहरी जुताई करें एवं उसके बाद खेत को समतल कर लें। जुताई के समय 15-20 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर के हिसाब से प्रयोग करें। उर्वरक का सुझाव : तरबूज की खेती के लिए 25 किलो नाइट्रोजन, 16 किलो फास्फोरस एवं 15 किलो पोटाश प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें। फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा एवं नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा बुवाई से पहले खेत में प्रयोग करें। बाकी बची हुई नाइट्रोजन को बेलों के आस-पास प्रयोग करें और मिट्टी में अच्छी तरह से मिला दें। रोग एवं कीट नियंत्रण: -माहू एवं थ्रिप्स (Aphid and Thrips): इन कीटों को नियंत्रित करने के लिए 5 ग्राम थियामेथोक्सम को 15 लीटर पानी मिलाकर छिड़काव करें। -फल मक्खी (Fruit fly): इस कीट को नियंत्रित करने के लिए 20 मिली मैलाथियान + 100 ग्राम गुड़ को प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर उपयोग करें। इसे 10 दिनों के अंतराल पर 3 से 4 बार उपयोग करें। -ख़स्ता फफूंदी (Powdery Mildew): इस रोग की रोकथाम के लिए 20 ग्राम घुलनशील सल्फर को प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। -अचानक मुरझाना (Sudden wilt): इस रोग की रोकथाम के लिए 400 ग्राम मैनकोजेब को प्रति 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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